भोपाल
अब सरकारी स्कूलों से शिक्षक गायब नहीं रह पाएंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। प्रदेश के करीब चार लाख शिक्षकों की उपस्थिति सार्थक एप के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज होगी। यह एप शिक्षकों की लोकेशन दर्ज करेगा साथ ही आनलाइन चेहरा दिखाई देने पर ही उपस्थिति लगेगी। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलेंगे तो जुलाई से शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य कर दी जाएगी।
प्रदेश के 99,145 स्कूलों में से केवल 8,051 स्कूलों में ही शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति एम शिक्षा मित्र एप से दर्ज की जा रही है यानी 91,094 स्कूलों में इसका उपयोग ही नहीं हो रहा है। जबकि यह व्यवस्था अनिवार्य की गई थी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी इस बात को कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में कुछ जिलों में शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोग पढ़ाने जाते हैं। वहीं कुछ शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं।
तीन बार व्यवस्था बनाई गई लेकिन फेल हो गई। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 2017, वर्ष 2020 और वर्ष 2022 में प्रयास किया। ऑनलाइन उपस्थिति एम शिक्षा मित्र एप के जरिए शुरू की गई थी। लेकिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया। कभी स्मार्ट फोन न होने तो कभी नेटवर्क न मिलने का बहाना बनाया गया। ऑनलाइन उपस्थिति से कन्नी काटी जाती रही। कई कारणों से यह प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो पाई।
नए एप में गड़बड़ियों को किया गया दूर
एम शिक्षा मित्र एप से उपस्थिति लगानी अनिवार्य की गई थी लेकिन इसके माध्यम से नेटवर्क मिलने पर ही उपस्थिति लगती थी। इसमें लोकेशन व चेहरा पहचान कर उपस्थिति लगाने का विकल्प नहीं होने से बहुत गड़बड़ियां होती थीं। सार्थक एप में इन्हें दूर कर लिया गया है।
अवकाश के लिए भी कर सकेंगे आवेदन
सार्थक एप की नई व्यवस्था में कर्मचारी व शिक्षक छुट्टी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे और शासन से किसी भी प्रकार का कार्यालयीन पत्राचार इस एप से हो जाएगा। दरअसल, सार्थक एप मध्य प्रदेश सरकार के पोर्टल से जुड़ा नवीनतम मोबाइल एप्लीकेशन है।